एक नगर में एक मकान था। उसे जो भी किराए पर लेता था, बोड़े दिन में ही उस परिवार के किसी-न-किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती थी। वह मकान इतना बदनाम हो गया था कि उसे कोई किराएदार सस्ते किराए पर भी लेने को तैयार नहीं होता था। लोगों का कहना था कि इस मकान में भूत रहता है।
एक दिन एक आदमी आया और किराए का मकान तलाशते तलाशते उसी मकान के आगे खड़ा हो गया। वहां के लोगों ने बताया कि यह मकान खाली तो है और किराया भी बहुत कम है, लेकिन इसमें भूत रहता है। जो भी इसमें आता है, उसके परिवार में से किसी-न-किसी की मौत हो जाती है और वे मकान खाली करके चले जाते हैं।
उस आदमी ने कहा कि कोई चिंता की बात नहीं और मकान किराए पर लेकर उसमें रहने लगा। दो-चार दिन रहने के बाद उस मकान में भूत आया और उस आदमी से मकान खाली कर देने के लिए कहा। साथ ही धमकी दी कि यदि मकान खाली नहीं किया, तो तुझे मार डालूंगा। उसने भूत बैठाया और फिर पूछा, “में मकान तो खाली कर दूंगा, लेकिन एक बात बताओ।
आप आते कहां से हो में यमराज के यहां से आता हूँ।” भूत ने उत्तर दिया फिर उस आदमी ने पूछा, “भैया, एक बात और बता दो। वहां होता क्या है?” “आदमी की उम्र के बारे में लिखा-पढ़ी होती है। वहां सबकी उम्र दर्ज होती है।” भूत ने कहा। “मैया, एक काम मेरा कर दो। बस समझो तुम्हारा मकान खाली हो गया।” उस आदमी ने कहा। क्या भूत बोला।
“यह पता लगा दो कि मेरी उम्र कितनी है? आदमी ने कहा। “मैं बता दूंगा।” इतना कहकर भूत चला गया। एक सप्ताह बाद जब भूत आया, तो उसने बताया, “तुम्हारी उम्र 85 वर्ष की है। अब मकान खाली कर दो।” “मैंने कह दिया तो मकान खाली कर दूंगा, लेकिन एक छोटा-सा काम और है। यह काम कर दो तो तुम्हारा बड़ा एहसान होगा।” “वह क्या?” भूत ने पूछा।
वह आदमी बोला, “तुम्हारी तो वहां बहुत जान-पहचान है। काम यह है कि मेरी उम्र सिर्फ पांच साल बढ़वा दो” मूत बोला, “यह कोई बड़ी बात थोड़े ही है, हो जाएगा।” इतना कहकर भूत चला गया। अबकी बार उस आदमी ने अपने पास डंडा रख लिया था। एक सप्ताह बाद जैसे ही भूत आया, तो उससे पूछा, “क्या हुआ?
भूत बोला, “यह बहुत मुश्किल काम है भैया तुम पांच साल की बात करते हो। यमराज कहते हैं कि उम्र न एक पल बढ़ सकती है और न एक पल घट सकती है। “भूत का इतना कहना था कि उस आदमी ने पास में रखा हुआ डंडा उठाया और कहा, “भाग जा यहां से नहीं मारते-मारते तेरा भुर्ता बना दूंगा। जब यमराज भी मेरी उम्र को न एक पल बढ़ा सकते हैं। और न एक पल घटा सकते हैं, तो तू किस खेत की मूली है?
इतना सुनते ही भूत भाग गया। उस दिन के बाद उस मकान में भूत नहीं आया। वह ठाठ से रहता रहा। कुछ दिन बाद पड़ोसियों ने उससे पूछा कि भूत ने आपको नहीं सताया? उसने पूरी घटना पड़ोसियों को सुना दी और कहा, ‘मार से तो भूत भी भागता है।”