एक रात की दुल्हन (हिंदी कहानी)

एक रात की दुल्हन हिंदी कहानी

Ek raat ki dulhan hindi kahani

दो माह पहले छत्रपति की खुशी का ठिकाना नहीं था जब उसने घर आई एक फोटो में नजर डाली थी। बड़े अरमानों से उनके घर वालों ने बताया था कि बेटा ये तेरी होने वाली पत्नी है। कुछ दिन ही बीते थे कि यार दोस्तों को अपनी भावी जीवन संगनी के बारे में बताते नहीं थक रहा था।

हालाँकि इस शादी के लिए छत्रपति को एक मोती रकम लड़की वालों को देना पड़ा था। जैसे-जैसे दिन शादी के निकट आते जा रहे थे छत्रपति और उसका परिवार तैयारियों में जुटता जा रहा था। वह दिन भी आया जब बारात मुंबई से सिंगरौली आई। सात फेरे भी हुए सात वचन भी दिए और खुशी-खुशी नई दुल्हन को लेकर बारात रेल गाड़ी से वापस रवाना भी हो गई। छत्रपतिको सुहागरात ट्रेन में हीं मनाना था इसलिए रेलगाड़ी में हीं एक अलग कमरे में सुहाग की सेज सजाया गया था। 

38 साल के छत्रपति का दिल अपने कमरे में जाते समय 25 साल के युवा सा धड़क रहा था. आने वाले लमहों की कल्पना ही उस की सांसों को बेकाबू किए दे रही थी, शरीर में झुरझुरी सी पैदा कर रही थी. आज उस की सुहागरात है. इस रात को उस ने सपनों में इतनी बार जिया है कि इस के हकीकत में बदलने को ले कर उसे विश्वास ही नहीं हो रहा.

बेशक वह मंजू को पैसे दे कर ब्याह कर लाया है, तो क्या हुआ? है तो उस की पत्नी ही. और फिर दुनिया में ऐसी कौन सी शादी होती होगी जिस में पैसे नहीं लगते. किसी में कम तो किसी में थोड़े ज्यादा. 10 साल पहले जब छोटी बहन वंदना की शादी हुई थी तब पिताजी ने उस की ससुराल वालों को दहेज में क्या कुछ नहीं दिया था. नकदी, गहने, गाड़ी सभी कुछ तो था. तो क्या इसे किसी ने वंदना के लिए दूल्हा खरीदना कहा था. नहीं न. फिर वह क्यों मंजू को ले कर इतना सोच रहा था. कहने दो जिसे जो कहना था. मुझे तो आज रात सिर्फ अपने सपनों को हकीकत में बदलते देखना है. दुनिया का वह वर्जित फल चखना है जिसे खा कर इंसान बौरा जाता है. मन में फूटते लड्डुओं का स्वाद लेते हुए अनिल ने सुहागरात के लिए सजाए हुए अपने कमरे में प्रवेश किया.

अब तक उस ने जो फिल्मों और टीवी सीरियल्स में देखा था उस के ठीक विपरीत मंजू बड़े आराम से सुहागसेज पर बैठी थी. उस के शरीर पर शादी के जोड़े की जगह पारदर्शी नाइटी देख कर अनिल को अटपटा सा लगा क्योंकि उस का तो यह सोचसोच कर ही गला सूखे जा रहा था कि वह घूंघट उठा कर मंजू से बातों की शुरुआत कैसे करेगा. मगर यहां का माहौल देख कर तो लग रहा है जैसे कि मंजू तो उस से भी ज्यादा उतावली हो रही है। खैर किसी तरह बैठकर बात-चीत - हंसी-मजाक से सुरु हुई। 

रेल का सफर... सर्द रात... नई दुल्हन से हंसी ठिठोली के बीच रात को कब नींद आ गई छत्रपति को पता ही नहीं चला। जब नींद खुली तो दुल्हन गायब थी। छत्रपत्रि के होश फाख्ता थे बाराती भी बदहवाश... क्योंकि नई दुल्हन का पता न था। ट्रेन के ही किसी सवार ने बताया कि दुल्हन ने इटारसी में बरात का साथ छोड़ दिया था।

विवाह के 36 घंटे बाद...

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, छत्रपति शर्मा निवासी मुंबई महाराष्ट्र की शादी सिंगरौली में रहने वाली प्रीति शर्मा उर्फ पूजा (25) के साथ 23 नवंबर को धार्मिक रीत-रिवाज के साथ शादी की रस्में पूरी कीं। 24 नवंबर को प्रीति की विदाई कर ससुराल पक्ष जबलपुर लेकर आ गए। विवाह के 36 घंटे बाद दुल्हन ससुराल वालों के संग मुंबई हनीमून मनाने जा रही थी। पूरा परिवार रेल गाड़ी में भोजन कर गहरी नींद में सो गए। इधर, दुल्हन ससुराल पहुंचने से पहले ही इटारसी में गायब हो गई।

टॉयलेट का बहाना बनाकर हुई फरार

जबलपुर से मुंबई की यात्रा के लिए पाटलीपुत्र सुपर एक्सप्रेस के एसी बी-1 कोच में रिजर्वेशन था। शुक्रवार-शनिवार की रात करीब 2 बजे ट्रेन में बैठे। कोच में छत्रपति, दुल्हन प्रीति परिवार के सदस्य थे। शनिवार सुबह करीब साढ़े 6 बजे ट्रेन इटारसी जंक्शन के प्लेटफार्म 6 पर आई। जहां परिवार की एक महिला से प्रीति ने कहा मैं टॉयलेट जाकर आती हूं। ट्रेन चलने लगी लेकिन दुल्हन नहीं आई। महिला ने टॉयलेट की तरफ जाकर देखा तो वहां प्रीति नहीं थी। यह जानकारी परिजनों को दी।

दुल्हन को ट्रेन से उतरते हुए देखा

बताया गया कि रात का सफर होने से दूल्हा-दुल्हन बराती सो गए। दूल्हे के भाई कुंज शर्मा ने बताया शनिवार सुबह 7 बजे के करीब हम लोग नींद से जागे। दुल्हन अपनी सीट पर नहीं थी। बारातियों से पूछताछ की। पूरी ट्रेन में तलाशा, लेकिन पता नहीं चला। एक यात्री से पता चला कि इटारसी रेलवे स्टेशन के पास दुल्हन को ट्रेन से उतरते हुए देखा था। यहां से दूल्हा छत्रपति सहित उसके दोस्तों ने इटारसी में तलाशा।

खंडवा में स्टेशन पर प्रीति की तलाश

दो घंटे बाद तकनीकी खराबी के कारण ट्रेन खंडवा में रुकी। जहां दुल्हा सहित परिजन जीआरपी खंडवा पहुंचे और घटना के बारे में बताया। खंडवा में स्टेशन पर प्रीति की तलाश की। फिर दोपहर 3 बजे पति छत्रपति दो अन्य परिजन इटारसी जीआरपी आए। थाना प्रभारी बीएस चौहान को घटनाक्रम बताया। सीसीटीवी फुटेज देखे जिसमें वह नजर नहीं आई।

इस कहानी से शिक्षा

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है की कुछ लोग शादी ब्याह को धंधा बना दिया है अतः शादी से पहले हमें जाँच पड़ताल कर लेना चाहिए। 

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